मानवता की पुकार प्रेम और करुणा
आज हमारा देश एक बहुत ही विभाजित और अस्थिर दौर से गुजर रहा है।सरकारों ने धर्म] जाति और भाषा के […]
आज हमारा देश एक बहुत ही विभाजित और अस्थिर दौर से गुजर रहा है।सरकारों ने धर्म] जाति और भाषा के […]
लाभ या अंध विश्वास ? हर वर्ष जब दीपों का त्योहार आता है, हम बिना सोचे-समझे वही पुरानी परंपराएँ दोहराते
प्रोटेस्ट किस हद तक होना चाहिए — मर्यादा, कानून और चेतावनी हमारे देश में प्रोटेस्ट करना, असंतोष जताना और सत्ता
क्रांति की असली जड़ें किसी महल या किसी संसद के गलियारे में नहीं बल्कि प्रत्येक घर के रसोई में, उस
देश में 75% से ज़्यादा लोग पिछड़े वर्ग से हैं — यह कोई कल्पना नहीं, सरकारी आँकड़ों का सच है।
मैं वही हूँ जो मैं हूँ। मेरी आवाज़ सुनो। उठो और उन सारी पुरानी ज़ंजीरों को तोड़ दो। चाहे तुमने
I am who I am. Listen to me. Get up and break all those old chains. No matter how many
History has shown us, time and again, how nations fall into the trap of authoritarianism when people surrender their freedom
The Silence of Bhishma — The Threat of Today’s Machinery What Bhishma once embraced as silence now seems to cast
भीष्म ने जो मौन अपनाया था, आज उसके साया में हमारी संस्थाएँ खड़ी दिखती हैं — तब भी जब देश